राजनीतिक बन्दी इस काम में दिलोजान से पड़ गए और पड़ रहे हैं।
3.
अभी भी देश के तमाम जेलों में हज़ारों की संख्या में राजनीतिक बन्दी हैं।
4.
वे (बिस्मिल आदि) तो राजनीतिक बन्दी हैं अत: उनके साथ तमीज से पेश आयें।
5.
वे (बिस्मिल आदि) तो राजनीतिक बन्दी हैं अत: उनके साथ तमीज से पेश आयें।
6.
जिसका परिणाम यह हुआ कि राजनीतिक बन्दी तो छोड़ दिये गये लेकिन क्रान्तिकारियों पर अत्याचार बढ़ गये।
7.
वे (बिस्मिल आदि) तो राजनीतिक बन्दी हैं अत: उनके साथ तमीज से पेश आयें।
8.
इसलिए हम राज्यसत्ता द्वारा क्रान्तिकारी आतंकवादियों के साथ अपराधियों जैसा सुलूक करने का प्रबल विरोध करते हैं, उनके राजनीतिक अधिकारों के लिए संघर्ष करते हैं, फर्जी मुठभेड़ों और टॉर्चर का विरोध करते हैं और उन्हें राजनीतिक बन्दी का दर्जा देने की माँग करते हैं।
9.
सरकार यदि इस राजनीति के सक्रिय लोगों के साथ अपराधियों जैसा सुलूक करती है, उन्हें टॉर्चर, फर्जी मुठभेड़ों और हिरासती हत्याओं का शिकार बनाती है और उन्हें राजनीतिक बन्दी का अधिकार तक नहीं देती तो जनवादी चेतना से लैस हर नागरिक लाजिमी तौर पर इसका विरोध करेगा।